ठहराव

ठहराव
ठहराव 
लाइफ में कभी-कभी ऐसे लम्हे आते है जब इंसान के पास अपनी लाइफ को एक नई दिशा देने के लिए उसके हाथो में सारी पावर होती है, मगर वो अपने मन से हरे हुए होने कारण वश वो फैसला नहीं कर पाता की उसे अपनि लाइफ में क्या करना चाहिए। जिससे उसके जीवन में एक ठहराव की परिस्थिति बन जाती है। ये वक़्त लाइफ का सबसे कठिन वक़्त होता है। जहा उसे खुद को साबित करना होता है। 

किसी इंसान के द्वारा लिया गया के फैसला उसकी और उसकी पूरी दुनिया जो की शायद उसका परिवार हो सकता है या उसका कोई चाहने वाला  या उसकी परवाह करने वाला भी हो सकता है, उसकी लाइफ बदल सकता है।  

ऐसे वक़्त में इंसान को खुद से खुद की उम्मीद को नहीं छोड़ना चाहिए क्यों की इस दुनिया में अगर उसका सपना कोई पूरा कर सकता है तो केवल एक इंसान है तो वो खुद वही इंसान है। जो अपने सपनो को साकार कर सकता है। बस जरूरत है तो सिर्फ खुद  को जानने की। 

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